वितान

सर्जना का विस्तृत स्वरूप

'वितान' एक साहित्यिक संस्था है जिसकी स्थापना हमारी गौरवशाली भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं का अनुसरण करते हुए साहित्यिक क्षेत्र में योगदान देने के लिए हुई। यह सर्जना से जुड़े पूर्व छात्रों का वह स्नेह-सूत्र है जो सर्जना की गौरवशाली परंपराओं को स्थान और समय की सीमाओं से परे ले जाता है।

यह केवल एक पूर्व छात्र समूह नहीं, अपितु अतीत और वर्तमान के बीच एक सेतु का कार्य करता है जो नई पीढ़ी की सृजनात्मक शक्ति को अनुभवी कलमों से जोड़ता है। सर्जना ने जहाँ साहित्य के बीज बोए, वहीं वितान उन बीजों से पल्लवित वृक्षों की छाया है, जो देश-विदेश में अपनी जड़ें जमा चुकी हैं।

हमारे मुख्य कार्य

साहित्यिक चेतना के विस्तार और सृजनात्मक अभिव्यक्ति को मंच प्रदान करने के हमारे प्रयास।

विसंवाद

वितान के सदस्यों का वार्षिक सम्मेलन "विसंवाद" का आयोजन।

प्रकाशन

वितान की वार्षिक पत्रिका / स्मारिका और ई-पत्रिका का प्रकाशन।

कार्यशालाएं

वितान के सदस्यों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन।

साहित्यिक परिचर्चा

सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन।

डिजिटल उपस्थिति

वितान की वेबसाइट एवं सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साहित्यिक गतिविधियों का संचालन।

और भी बहुत कुछ

भविष्य में नई साहित्यिक गतिविधियों और योजनाओं का समावेश।

हमारा मूल उद्देश्य

भारतीय साहित्य और संस्कृति की जड़ों को सींचते हुए वैश्विक पटल पर एक नई पहचान बनाना।

भारतीय संस्कृति, साहित्य और कला का संरक्षण और संवर्धन करना।

भारतीय साहित्य और अन्य भाषाओं के साथ साहित्यिक अंतर्क्रिया को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के विभिन्न संगठनों और देशों के साथ साहित्यिक आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू करना।

भारत एवं विदेश में विभिन्न स्थानों पर साहित्यिक कार्यशालाएं, उत्सव, प्रदर्शनियां, संगोष्ठियां, साहित्यिक संवाद एवं चर्चाएं, पुस्तक विमोचन आदि का आयोजन करना।

व्यक्तिगत और सामूहिक साहित्यिक शोध कार्यों को प्रकाशित करना।

साहित्यिक पुस्तकों के समृद्ध संग्रह के साथ भारत में बहुभाषी पुस्तकालयों की स्थापना करना।

अपने प्रकाशन कार्यों की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अपना स्वयं का प्रकाशन गृह स्थापित करना।

स्मृतियों की झलकियाँ

साहित्यिक यात्रा के बहुमूल्य पलों का दृश्य संग्रह

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